If Only Song Details:
Song: If Only
Singer: EPR Iyer
Music: GJ STORM
Lyrics: EPR Iyer
Label: EPR Iyer Music
Category: New Hindi Songs Lyrics 2024
If Only Lyrics
If only she lived in a better world
a better place
Far away from this wretched world we are a part of
Things would have turned out different
If only
19 ki thi wo
In a different universe
Jab TV ko kara on
Nirbhaya didn’t occur
Everything was quite normal
she focused on her studies
& raste raat ke safe
na eve-teasing ka darr
thi Doctor banne ki khwaish
toh NEET ko kara clear
MBBS 5 saal
Post Grad (Neet PG) ko then appear,
admission ache ek college mein
Parents ko karna proud tha
Surakshit thi ye duniya
Public Transport pe na doubt tha
Jahaan rishvat lete police nahi
& aur leaders, they ain’t corrupted
Jis dharti pe puje Durga ko
Hota mahisaasuron ka vadh bhi wahi
Woh samaj na victim ko hi blame
aur aparadhiyon ko mile bail nahi
Mane jis Bharat ko apni mata hum
Apmaan uske betiyon par, sehte nahi
Kadi mehnat aur merit ke bal pe RG Kar
bani PG student trainee doctor, sincere thi boht
cus jaane bachana
that’s what she meant to do
working endlessly & sometimes sleeplessly too
31 only a long life ahead
sapne phd ke
gotta do something for mum & dad
Devoted physician, apni thi duty pe
Her friends, used to like her
work ethic & appreciate
Aur aisi ek shift mein
August 8 ki raat
36 hours
Ki duty aur kadi daud bhaag
Usne jo kara ek call,
bataya ko ma apni,
‘Ma tumi kheye shuey poro
Ami thik achi’
She ordered food, at 1AM
With her colleagues
Celebrating the news
of silver by NC (Neeraj Chopra)
Jab hua time, for her friends
& for her to leave
and that’s when a thought stopped her,
from the room that she was entering
She had a feeling
use ghar ko waapis jana chahiye
Its better to sleep at home,
that she was super tired
Straight to the arms of her mother
hectic friday
so she went home
3AM 9 AUGUST ki morning
Kaash ye hota toh ab bhi hoti woh zinda
Kaash, ye hota toh hoti na uski hatya
Kaash na khote, ek aur promising beti ko
Now the damage is done ‘cus we fed our daughters to
predators
Kaash jo chalta haspatalon mein koi racket na
Kaash hamare principals, bhi hote imandaar
Kaash ye politics, insaaf ka na qaatil banta
Azaad Hoke Na Azaad kaun zimmedaar?
Kaash, na koi ma baap ko aisi dukh mile
Kaash, hamari police bhi hoti vigilant
Kaash, na rehti woh haivaniyat ki duniya mein
Kanyashree divas? Jab kanyaon ki hoti hatya hai?
Kaash, hamare countrymen we had a conscience
Kaash, no patriarchy, no societal ills
Kaash hoti hamari reed ki haddi, to speak
Hote na apne desh mein rape,
har ek 16 min
Kaash na hota scaw division ki zaroorat kabhi
Kaash no cover ups, murder ain’t a suicide
Kaash, ‘harassing’ was never this effing normal
Ram ki janmabhumi par never a Sita could survive
Kaash na kisi ka file, court ke chakkar khaye
Kaash na pita, beti ki chita khud jalaye
Kaash aur kaash se ranga laal tiranga apna
Draupadi ke sau chillane pe isiliye na govind aye
If Only Lyrics In Hindi
काश वो एक बेहतर दुनिया में रहती
एक बेहतर जगह
इस दयनीय दुनिया से बहुत दूर जिसका हम हिस्सा हैं
चीजें अलग होतीं
काश
19 की थी वो
एक अलग दुनिया में
जब टीवी पर दिखाया
निर्भया नहीं हुई
सब कुछ बिलकुल सामान्य था
उसने अपनी पढ़ाई पर ध्यान दिया
और रास्ते रात के सुरक्षित
ना छेड़छाड़ का डर
वो डॉक्टर बनने की ख्वाहिश
तो नीट क्लियर कर लिया
एमबीबीएस 5 साल
पोस्ट ग्रेजुएट (नीट पीजी) में फिर अपीयर,
एक कॉलेज में एडमिशन अच्छा
माता-पिता को गर्व होना चाहिए
सुरक्षित थी ये दुनिया
पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर कोई शक नहीं
जहाँ रिश्वत लेते पुलिस नहीं
और नेता, वे भ्रष्ट नहीं हैं
जिस धरती पर दुर्गा को पूजे
होता महिषासुरों का वध भी वही
वो समाज ना पीड़ित को ही दोष देता है
और अपराधियों को मिले बेल नहीं
माने जिस भारत को अपनी माता हम
अपमां उसकी बेटियों पर, सहते नहीं
कड़ी मेहनत और योग्यता के बल पर आरजी कर
बानी पीजी छात्र प्रशिक्षु डॉक्टर, ईमानदार थी बोहत
क्यूँ जाने बचना
वह यही करना चाहती थी
लगातार काम करना और कभी-कभी बिना नींद के भी काम करना
31 आगे केवल एक लंबा जीवन है
सपने पीएचडी के
माँ और पिताजी के लिए कुछ करना होगा
समर्पित चिकित्सक, अपनी थी ड्यूटी पे
उसके दोस्त, उसे पसंद करते थे
कार्य नीति और सराहना
और ऐसी एक शिफ्ट में
8 अगस्त की रात
36 घंटे
की ड्यूटी और कड़ी दौड़ भाग
उसने जो करा एक कॉल,
बताया को माँ अपनी,
‘मा तुमी खाए शुए पोरो
अमी ठीक अच्छी’
उसने 1 बजे खाना ऑर्डर किया
अपने सहकर्मियों के साथ
सिल्वर की खबर का जश्न मनाते हुए
एनसी (नीरज चोपड़ा)
जब समय हुआ, उसके दोस्तों के लिए
और उसके जाने के लिए
और तभी एक विचार ने उसे रोक दिया,
जिस कमरे में वह प्रवेश कर रही थी
उसे लगा कि
घर को वापस जाना चाहिए
घर पर सोना बेहतर है,
कि वह बहुत थक गई थी
सीधे अपनी माँ की बाहों में
व्यस्त शुक्रवार
इसलिए वह घर चली गई
9 अगस्त की सुबह 3 बजे
काश ये होता तो अब भी होती वो ज़िंदा
काश, ये होता तो होती ना उसकी हत्या
काश ना खोते, एक और होनहार बेटी को
अब नुकसान हो चुका है क्योंकि हमने अपनी बेटियों को खाना खिलाया
शिकारियों
काश जो चलता हस्पतालों में कोई रैकेट ना
काश हमारे प्रिंसिपल, भी होते इमानदार
काश ये सियासत, इन्साफ का ना कातिल बनता
आज़ाद होके ना आज़ाद कौन ज़िम्मेदार?
काश, ना कोई माँ बाप को ऐसा दुःख मिले
काश, हमारी पुलिस भी होती सतर्क
काश, न रहती वो हैवानियत की दुनिया में
कन्याश्री दिवस? जब कन्याओं की होती है हत्या?
काश, हमारे देशवासियों हमारे पास ज़मीर था
काश, कोई पितृसत्ता नहीं, कोई सामाजिक कुरीतियाँ नहीं
काश होती हमारी रीड की हड्डी, बोलने के लिए
होते ना अपने देश में रेप,
हर एक 16 मिनट
काश न होता स्कैव डिविजन की जरूरत कभी
काश कोई कवर अप नहीं, हत्या आत्महत्या नहीं है
काश, ‘उत्पीड़न’ इतना प्रभावशाली कभी सामान्य नहीं था
राम की जन्मभूमि पर कभी सीता जीवित नहीं रह सकीं
काश न किसी की फाइल, कोर्ट के चक्कर खाये
काश न पिता, बेटी की चिता खुद जलाये
काश और काश से रंगा लाल तिरंगा अपना
द्रौपदी के सौ चिल्लाने पर इसलिए न गोविंद ऐ